Sunday 20 September 2009

आखिर नटवरलाल कहां नहीं हैं ?

यदि किसी को भी ऐसा शुभचिंतक मिल जाये जो दुनिया में मशहूर स्थलों की सैर के लिये पूरे खर्चे के साथ घुमाने के लिये तैयार हो जाये तो आखिर कौन तैयार नहीं हो जायेगा ?
दुनिया भर में ऐसे कई नटवर लाल फैले हुए हैं जो किसी को भी कहीं भी अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के नाम पर बुलावा दे रहे हैं. इन सारी अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के मुद्दे भी सही मायनों में अंतर्राष्ट्रीय होते हैं - जैसे-गरीबी, बेरोज़गारी, भुखमरी, हिंसा, मानवाधिकार आदि आदि. इसी तरह की कांफ्रेंस दिसम्बर के पहले सप्ताह में कनाडा व अफ्रिका में होने वाली है. पहली अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में मुद्दा है बेरोज़गारी जो 1 से 4 दिसम्बर तक बताई गयी है.दूसरी कांफ्रेंस पश्चिम अफ्रीका में 7 से 11 दिसम्बर तक होगी. मज़े की बात है कि कांफ्रेंस के आयोजक सारी ज़िम्मेदारी उठाने को तैयार हैं . आने जाने का खर्चा भी और कांफ्रेंस के दौरान खाना-पीना रहना सब उनके जिम्मे. उनका दावा है कि प्रायोजकगण मिलकर सारे अतिथियों का खर्चा उठाने में सक्षम हैं.
सिर्फ आमंत्रित व्यक्ति ही नही वरन आयोजक तो तीन से लेकर दस साथियों को साथ लाने को भी कह रहे हैं.

नहीं यह अप्रैल फूल नहीं है. ऐसा एक आमंत्रण मुझे ई-मेल से प्राप्त हुआ है और सूचना है कि मेरा पता आयोजकों को देश के किसी युवा संगठन ने भेजा है.

पिछले छह महीने में इस प्रकार की अलग अलग विषयों /मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस हो रही हैं ऐसा मुझे इन छह महीनों में प्राप्त आमंत्रणों से पता चला है.

कहने की आवश्यकता नहीं है कि मैं अभी तक ऐसे सारे मुफ्त सैर सपाटा वाले आमंत्रणों को रद्दी की टोकरी के हवाले करता आ रहा हूं. पूरी दुनिया में शायद ही ऐसा कोई दरिया दिल संगठन होगा जो इस प्रकार से अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित करके सभी जाने- अंजाने लोगों को ( मुझे भी )यार-दोस्तों के साथ इस तरह बुलायेगा.
ज़ाहिर है कि इसमें बड़ी चाल है .

कहीं आपको और आपके इष्ट मित्रों को तो इस तरह के प्रलोभन वाले आमंत्रण नहीं मिले हैं? मेरी तो राय कि इन पर बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया जाये.


आखिर नटवरलाल कहां नहीं हैं ?

1 comment:

Mishra Pankaj said...

ऐसे मेल को बस नजरअंदाज करना चाहिए .
वैसे नटवर लाल हर जगह है