Thursday 27 September 2007

"अक्ष' संस्था द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवम पुरस्कार समारोह्









साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था ‘ अक्ष’ की ओर से अणुव्रत भवन सभागार ( नई दिल्ली) में 11 अगस्त (शनिवार) को साहित्य शिरोमणि प. दामोदर दास (दादा) चतुर्वेदी की 96 वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली की अनेक समाजसेवी विभूतियों को सम्मनित किया गया एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री डा. अशोक वालिया, विशिष्ट अतिथि माथुर चतुर्वेदी महासभा के अध्यक्ष श्री भरत चतुर्वेदी थे. समारोह में आशिर्वचन हेतु विशेष रूप से सांसद उदय प्रताप सिंह एवम उत्तर प्रदेश सरकार के रोज़गार मंत्री यशवंत सिह भी उपस्थित थे .समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि एवं कादम्बिनी के मुख्य कौपी सम्पादक श्री सुरेश नीरव ने की,जो स्व.दादा चतुर्वेदी के सुपुत्र हैं.



दिल्ली के साहिय प्रेमी इस आयोजन में भारी संख्या में पधारे .उपस्थित श्रोता समुदाय ने कवि सम्मेलन का भी आनन्द लिया.इस अवसर पर पधारे गण्यमान अतिथियों में दिल्ली सरकार के वित्त एवं योजना मंत्री डा. ए.के.वालिया, उत्तर प्रदेश सरकार के रोज़गार मंत्री डा. यशवंत सिंह, संसद सदस्य प्रो.उदय प्रताप सिंह् ने स्व. दादा चतुर्वेदी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया.

इस सम्मान समारोह के अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए साहित्य शिरोमणि दामोदर दास (दादा)चतुर्वेदी जैसी विभूतियों की स्मृति बनाये रखने का आग्रह किया ताकि समाज में चेतना का निरंतर प्रवाह होता रहे.

इस अवसर पर सम्पन्न कवि सम्मेलन में प्रो. उदय प्रताप सिंह ने दादा चतुर्वेदी के पत्रकारिता में किये योगदान की प्रसंशा करते हुए चन्द्रशेख्रर् आज़ाद् की जम्भूमि बदरका पर रचना प्रस्तुत की.उन्होने जनता से भी जागरूक रहकर एक प्रहरी की भूमिका निभाने की मांग की. साथ ही अपनी लोकप्रिय रचना ‘तुम हो पहरेदार चमन के’ से सबका मन मोह लिया. प्रो.अरविन्द चतुर्वेदी ने हास्य रचना - ‘में आपके सर्वेंट के सर्वेंट का सर्वेंट हूं ‘ सुनाकर रस परिवर्तन किया. ,पुरुषोत्तम वज्र( गज़ल- मां के हाथों के परांठे तिकोने याद आते हैं),डा. अंजू जैन ने सावन के अवसर् पर झूला गीत (आओ झूला झूलें) व गज़ल प्रस्तुत कीं, दिनेश वत्स ( हास्य-व्यंग्य), एवम अरविन्द पथिक ( वीर रस-शहीदों की मज़ार पर मेले ) ने अपनी सुमधुर रचनाओं से श्रोताओं को बान्धे रखा. सभागार में श्रोताओं ने कवियो की रचनाओं का भरपूर आनन्द लिया.



समारोह की अध्यक्षता कादम्बिनी पत्रिका के कौपी सम्पादक सुरेश नीरव ने की.इस अवस्र पर मुकेश परमार के उपन्यास ‘चक्रव्यूह और कृष्ण’ का लोकार्पण भी किया गया.

साहित्य शिरोमणि स्व. दादा चतुर्वेदी की 96वीं जयंती के अवसर पर दो आलेख भी प्रस्तुत किय गये,जिनमें दादा चतुर्वेदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया. श्री केपी सिंह ने अपने आलेख मे स्व. दा दा चतुर्वेदी के आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिक रूप तथा बाद में विशाल भारत, सैनिक ,नौक-झौंक के पत्रकार के रूप मे दिये योगदान को प्रस्तुत किया.

इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों से प्रमुख व्यक्तियों को उनके योगदानों के लिये’ साहित्य शिरोमणि दादा चतुर्वेदी स्मृति सम्मान प्रदान किये गये. सम्मान पाने वालों में वीर चक्र प्राप्त कर्नल आर पी एस त्यागी( राष्ट्रीय सैनिक संस्थान ),डा. अतुल जैन ( शिक्षाविद ), ज्ञानेन्द्र चतुर्वेदी ( समाज सेवा),समीर मंडल ( चित्रकार), रजनी सिंह ( कवयित्री), अरविन्द पथिक ( वीर रस के कवि), सुश्री वीनू सचदेवा ( बाल शिक्षा), अशोक शर्मा ( समाज सेवा) शामिल थे.



दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री डा. वालिया ने कहा कि स्व. दादा चतुर्वेदी जैसे सैनिक,पत्रकार व साहित्यकारों की बदौलत ही हमने आज़ादी पायी थी. उ.प्र. सरकार के रोज़गार मंत्री डा. यशवंत सिंह ने समाज में साहित्यकारो की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि इस समारोह में आने से मुझे भी साहित्य के प्रति अभिरुचि जाग्रत हुई है तथा में भी अब कविता लिखने का प्रयास करूंगा.

माथुर चतुर्वेदी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत चतुर्वेदी ने ‘अक्ष’ संस्था को धन्यवाद करते हुए कहा कि समाज के प्रेरणा श्रोतों की स्मृति बनाये रखने हेतु ऐसे कार्यक्रम आवश्यक हैं. अध्यक्ष पंडित सुरेश नीरव ने पुराणों से उदाहरण देकर संकल्प व लक्ष्य की महत्ता को रेखांकित किया. अक्ष संस्था के अध्यक्ष प्रो. अरविन्द चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

चित्र 1: सर्वश्री पंडित सुरेश नीरव, भरत चतुर्वेदी, उदय प्रताप सिंह्, अरविन्द चतुर्वेदी
चित्र 2: सम्मान पुरस्कार प्राप्त करते हुए डा.अतुल जैन ,शिक्षाविद्
चित्र 3: वीर रस के कवि अरविन्द पथिक् का कविता पाठ
चित्र 4: सम्मान पुरस्कार प्राप्त करते हुए वीनू सचदेवा
चित्र 5: मंच पर गरिमामय उपस्थिति
चित्र 6: उपस्थित काव्य रसिक जन
चित्र 7: डा. वालिया का स्वागत
चित्र 8:अरविन्द चतुर्वेदी का कविता पाठ्

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